🙏 आरती संग्रह 🙏
॥ श्री दुर्गाजी आरती ॥
॥ श्री दुर्गाजी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली ...... ॥
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी ।
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी ॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही है ललकारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली ...... ॥
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता ।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुःख को निवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली ...... ॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना ।
हम तो मांगें तेरे चरणों में एक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली ...... ॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली ॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली ...... ॥