🙏 आरती संग्रह 🙏
॥ श्री रामायणजी की आरती ॥
॥ श्री रामायणजी की आरती ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद ।
बालमीक विज्ञान विशारद ।
शुक सनकादि शेष अरु शारद ।
बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ 1 ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
गावत वेद पुरान अष्टदस ।
छओं शास्त्र सब ग्रन्थन को रस ।
मुनि-मन धन सन्तन को सरबस ।
सार अंश सम्मत सबही की ॥ 2 ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
गावत सन्तत शम्भू भवानी ।
अरु घट सम्भव मुनि विज्ञानी ।
व्यास आदि कविबर्ज बखानी ।
कागभुषुण्डि गरुड़ के ही की ॥ 3 ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
कलिमल हरनि विषय रस फीकी ।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की ।
दलन रोग भव मूरि अमी की ।
तात मात सब विधि तुलसी की ॥ 4 ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥